यरूशलम। इजरायल में सबसे लंबे वक्त तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले बेंजामिन नेतन्याहू सुर्खियों में है। बेंजामिन देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे जो भ्रष्टाचार के आरोप में जिला अदालत द्वारा शुरू किए जा रहे ट्रायल में पेश होंगे। इजरायल के संसदीय इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब देश का कोई प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप में अदालत में पेश होगा। रविवार को अपने सुरक्षा गार्डों से घिरे बेंजामिन यरूशलम की अदालती प्रक्रिया के लिए तैयार हैं। जानकारों का कहना है कि यह अदालती प्रक्रिया उनके राजनीति कॅरियर पर ब्रेक लगा सकता है। इजरायल में एक ऐसे नेता का भविष्य दांव पर लगा है जिसने कभी बैलट बाक्स में मात नहीं खाई हो।
नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वास भंग और रिश्वत लेने का आरोप
नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वास भंग करने के साथ कई मामलों में रिश्वत लेने का आरोप है। उन पर अमीर मित्रों से शैंपेन और सिगार के डिब्बों जैसे महंगे उपहार स्वीकार करने का आरोप है। उनके परिवार के अनुकूल समाचार कवरेज के बदले मीडिया मोगल्स के पक्ष में पेशकश करने का आरोप है। सबसे गंभीर मामले में एक प्रमुख टेलीकॉम कंपनी का है। आरोप है कि इस कंपनी से उन्होंने करोड़ों डॉलर का मुनाफा कमाया।
17 मई, 2020 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली
इजरायल में 17 मई 2020 को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ली थी। इजराइल में एक साल में हुए तीन चुनाव के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही देश में 500 दिनों से जारी राजनीतिक संकट खत्म हो गया था। एक के बाद एक हुए तीन चुनावों में देश में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।
सबसे ज्यादा समय तक रहे प्रधानमंत्री
बेंजामिन नेतन्याहू ने जुलाई 2019 में डेविड बेन गुरियन को पीछे छोड़ते हुए इजरायल के सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने की उपलब्धि हासिल की थी। बेंजामिन नेतन्याहू 1996 में पहली बार इजराइल के प्रधानमंत्री बने थे। साल 2005 में नेतन्याहू लिकुड पार्टी के अध्यक्ष बने और फिर साल 2009 में दोबारा प्रधानमंत्री बने। बेंजामिन नेतन्याहू पर इस समय इजराइल में रिश्वत, भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और विश्वास तोड़ने के आरोप में मुकदमा चल रहा है। बेंजामिन नेतन्याहू ने पांचवीं बार इजराइल के प्रधानमंत्री का पद संभाला है।
राजीनतिक करियर की शुरुआत
बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत साल 1988 में लिकुड पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर की थी। इस चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई और वह इजरायली संसद नेसेट के सदस्य बने। उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा को देखते हुए सरकार में उन्हें उप विदेश मंत्री का पद दिया गया था।