रायपुर:आज से ठीक 7 साल पहले 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों द्वारा 29 लोग मारे गए थे. आज झीरम हत्याकांड की सातवीं बरसी पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन, झीरम में श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया. जिसमें पहुंच कर सीएम भूपेश बघेल ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित अन्य नेता मौजूद थे.
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, आज से ठीक 7 साल पहले एक भयानक दुर्घटना घटित हुई थी. झीरम हमले में हमारे प्रथम पंक्ति के नेता शहीद हो गए थे. आज का दिन हम कभी भूल नहीं सकते हैं. उनकी दूरदर्शिता हमको आज भी प्रतिदिन कार्य करने के लिए प्रेरित करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा, हम उन जवानों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने उस काले दिन अपनी जान गंवाई थी. साथ में अब तक नक्सलवादी हिंसा में जान गंवाने वाले जवानों और नागरिकों को भी श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं. झीरम श्रद्धांजलि दिवस घोषित किए गए इस दिन पर प्रदेश के सभी शासकीय व अर्धशासकीय कार्यालयों पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सीएम बघेल ने एक बड़ी घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि बस्तर विश्वविद्यालय का नामकरण स्वर्गीय महेन्द्र कर्मा के नाम पर रखा जाएगा. आपको बता दें कि इस हमले में जान गवाने वालों में राज्य के दिग्गज कांग्रेसी नेता शहीद हो गए थे. जिसमें बस्तर टाइगर कहलाने वाले महेंद्र कर्मा भी शामिल थे. आज उन्हीं के नाम पर बस्तर विश्वविद्यालय का नाम रखने की घोषणा की गई.
महेंद्र कर्मा के अलावा इसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल और उदय मुदलियार समेत 29 लोग शामिल थे.
आपको बता दें कि कांग्रेस ने झीरम हत्याकांड की बरसी पर भाजपा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि झीरम में नृशंस हत्यायें हुईं, राजनीतिक नरसंहार किया गया मगर षड्यंत्र से पर्दा अभी तक नहीं उठा है. अनेक बाधाएं हैं और हम उन बाधाओं को दूर करेंगे. सच सामने आयेगा और इसके अपराधी कटघरे में खड़ा होंगे. वहीं हमारे महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.